प्रकृति की गोद में बसे इस गांव के बाशिंदों व पर्यटकों को आपातकाल में होती है ज्यादा परेशानी
आवाज़ ए हिमाचल
तरसेम जरियाल, धारकंडी। देश में संचार क्रांति का युग चल रहा है। एक तरफ केंद्र सरकार देश में 5जी नेटवर्क संचार सेवा जल्द शुरू करने की बात कह रही है। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को ऐलान भी किया है कि 12 अक्टूबर तक 5जी सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी और फिर शहरों और कस्बों में इसका विस्तार किया जाएगा, तो वहीं दूसरी ओर विधानसभा क्षेत्र शाहपुर के धारकंडी क्षेत्र के नौली गांव में आजादी के 7 दशक बाद भी मोबाइल में नेटवर्क नहीं है। नेटवर्क न होने के कारण करीब 200 परिवारों का संपर्क दुनिया से कटा हुआ है।
प्रकृति की गोद में बसे नौली गांव के बाशिंदों को आपातकाल में अन्य लोगों बात करने के लिए दो किलोमीटर दूर जाकर फोन करना पड़ता है। हालांकि, नौली गांव से दो किलोमीटर की दूरी पर लांघा गांव में एयरटेल का टावर भी लगा है, लेकिन नौली गांव में नेटवर्क नहीं आता है। इसका मुख्य कारण ये है कि नौली गांव अधिक गहरी जगह बसा है।
इसको लेकर नौली गांव के वाशिंदे कृष्ण लाल, सुरेंद्र कुमार, देशराज, अशोक कुमार, शुभकरण, विधि चंद, विवेक कांत राणा, अनिल कुमार, जयकरन, रमेश आदि ने बताया कि उनके गांव में करीब 200 घर है। कोई भी मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण दुनिया से इस गांव का संपर्क कटा हुआ है। अगर किसी भी प्रकार का ऑनलाइन काम करना हो तो वह नहीं कर पाते हैं। हालांकि इस गांव तक सड़क भी पहुंची है। पहले इस गांव में थोड़ा बहुत नेटवर्क आता था, लेकिन 2 साल फल लांघा गांव में मोबाइल टावर लगा है, तबसे नेटवर्क बिलकुल भी नहीं आता करेरी झील घूमने के लिए पर्यटक इसी गांव से होकर जाते हैं।
उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों को मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि गांव में मोबाइल टावर लगाने के लिए पंचायत में प्रस्ताव डालकर सरकार और प्रशासन को कई बार ज्ञापन भी भेजा है, लेकिन अभी तक इस मुश्किल का हल नहीं हो पाया है।
इसको लेकर शाहपुर के एसडीएम डॉक्टर मुरारी लाल ने बताया कि नौली गांव में मोबाइल नेटवर्क न होने की कोई शिकायत अभी तक नहीं आई है।अगर इस तरह की शिकायत आती है तो जांच कर लोगों की मुश्किल का हल किया जाएगा।