आवाज ए हिमाचल
17 जनवरी: एक अधिकारी के जुगाड के चर्चे जुबान-ए-आम पर हैं । अक्सर चर्चा में रहने वाले इस अधिकारी के राजनैतिक संबंध भी जग जाहिर हैं। हर सरकार में किसी न किसी मंत्री के चहेते रहने वाले इस अधिकारी का कांगड़ा में हुआ तबादला फिर से चर्चा का विषय बन गया है।
जुलाई 2020 में उक्त अधिकारी कांगड़ा से पांगी स्थानांतरित हुए थे । एक मंत्री के करीबी माने जाने वाले इस अधिकारी को उसी समय धर्मशाला एडजेस्ट भी कर दिया गया था परंतु भाग्य की विडंबना उन्हें फिर भरमौर ले गई । कहते हैं कि सीएम भी इस अधिकारी की कार्यशैली से नाखुश थे तथा स्वयं सीएम के हस्तक्षेप से ही उनका तबादला भरमौर हुआ था।
लोग दबी जुबान से कहने लगे हैं कि क्या इन साहब की कार्यप्रणाली अब ठीक हो गई है जो करीब डेढ़ वर्ष के भीतर ही यह साहब फिर कांगड़ा पहुंच गए हैं । लोग जानने को आतुर है कि आखिर ऐसी कौन सी और क्या वजह है कि यह जनाब राजनेताओं के खास हैं ।
कांग्रेस सरकार में भी यह साहब एक वरिष्ठ मंत्री के करीबी माने जाते रहे हैं । चर्चा है कि अब की बार यह अधिकारी किसी मंत्री की वजह से नहीं अपितु किसी अन्य जुगाड से कांगड़ा पहुंचे हैं । अधिकारी का यह कौन सा जुगाड है और इसके पीछे क्या कहानी है, लोग अपने अपने नजरिए से देख रहे हैं ।