आवाज़ ए हिमाचल
25 अप्रैल। सात फरवरी को ऋषि गंगा की त्रासदी के बाद सुमना में हिमस्खलन की घटना ने ग्रामीणों को फिर से झकझोर कर के रख दिया है। दो माह 16 दिन बाद नीती घाटी में एक बार फिर हिमस्खलन की घटना घटी है। इस बार यह घटना जोशीमठ से 94 किलोमीटर दूर सुमना क्षेत्र में हुई है। रैणी गांव के शीर्ष भाग से ऋषिगंगा निकलती है, जबकि सुमना चीन सीमा पर स्थित बाड़ाहोती क्षेत्र में स्थित है।
21 अप्रैल से लगातार हो रही है बर्फबारी
यहां ग्लेशियरों से होतीगाड और धौली गंगा निकलती है जो रैणी में जाकर ऋषिगंगा से मिल जाती है। यंहा बीते 21 अप्रैल से लगातार बर्फबारी हो रही थी, जिससे नीती घाटी के ग्रामीण अपने घरों में ही थे। सुरांईथोटा में सीमा सड़क संगठन का बेस कैंप है। सुमना में हुए हिमस्खलन की सूचना सबसे पहले यहां के अधिकारी-कर्मचारियों को मिली। यह सूचना धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में फैल गई, जिसके बाद ग्रामीण जानकारी जुटाने के लिए बाजार में इकट्ठा होने लगे और धौली गंगा के जलस्तर को बार-बार निहारते रहे।
रात होने पर वे एक दूसरे को फोन कर आपदा की जानकारी लेते रहे। सुमना और ऋषि गंगा क्षेत्र में पहले भी हिमस्खलन की घटनाएं हुई हैं, लेकिन तब विकास कम होने से निचले क्षेत्रों में नुकसान कम होता था। आज सड़क मार्ग के साथ ही नदियों के किनारे ही आवासीय भवनों का निर्माण हो रहा है, जिससे छोटी-छोटी आपदाएं भी विकराल हो रही हैं।