आवाज़ ए हिमाचल
ऊना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जिला ऊना में 35 करोड़ रुपए राशि के अवैध खनन मामले में हरोली उपमंडल के क्रशर उद्योग संचालक को हिरासत में ले लिया है। प्रर्वतन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) 2002 के तहत लखविंद्र सिंह को मंगलवार को अवैध खनन मामले में हिरासत में लेकर विशेष अदालत धर्मशाला में पेश किया।
अदालत ने अभियुक्त लखविंद्र सिंह को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए है। ईडी ने ऊना पुलिस थाना सदर में अवैध खनन व आपराधिक षड्यंत्र के मामले में मनी लांड्रिंग जांच के तहत यह कार्रवाई अमल में लाई है। उक्त क्रशर संचालक के हरोली उपमंडल में तीन क्रशर यूनिट व 11 खनन पट्टे थे। उस मामले में ईडी ने अनुमति प्राप्त भूमि के अलावा बड़े पैमाने पर क्षेत्र में अवैध खनन व प्रदेश सरकार को राजस्व के रूप में चूने का पता लगाया था।
उक्त क्रशर संचालक बड़े पैमाने पर अनुमति प्राप्त भूमि के अलावा भी रेत व बजरी निकाल रहा था, वहीं तय गहराई से अधिक तक खनन करके पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाया। ईडी की टीम ने खनन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध खनन का खनन साइट्स पर संयुक्त रूप से डिजीटल सर्वे किया, जिसमें 4.8 लाख क्यूबिक मीटर अधिक खनन हुआ पाया गया। अवैध खनन मेटिरियल की कीमत 35 करोड़ रुपए के करीब बनती है। ईडी ने जांच में पाया कि इस सबके पीछे लखविंद्र सिंह ही प्रमुख तौर पर संलिप्त रहा है। लखविंद्र सिंह ने ईडी से पूछताछ में सहयोग नहीं दिया तथा जांच को भटकाने का प्रयास किया। इसके बाद ईडी ने लखविंद्र सिंह को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया है। एसपी ऊना अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि उक्त मामले की जांच ईडी कर रही है।