आवाज ए हिमाचल
19 दिसंबर।हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) द्वारा ई-बसों की खरीद के दौरान बैटरी बदलने की शर्त करार में शामिल न किए जाने के कारण कई ई-बसें अड्डों पर खड़ी हो गईं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यदि करार में बैटरी बदलने का क्लॉज होता तो आज यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। उन्होंने बताया कि एक ई-बस की बैटरी की कीमत लगभग 25 लाख रुपये है।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब नई ई-बसों की खरीद के लिए बैटरी बदलने की शर्त को अनिवार्य रूप से करार में शामिल कर दिया गया है। इसके साथ ही पुरानी ई-बसों की बैटरी बदलने को भी सरकार ने मंजूरी दे दी है।उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में एचआरटीसी में 680 लोगों को रोजगार दिया गया है। बाहरी राज्यों से आने वाली वोल्वो बसों को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत बस ऑपरेटरों द्वारा तीन लाख रुपये जमा करवाए गए हैं, ऐसे में इन बसों को रोकना संभव नहीं है। इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार अदालत का रुख कर चुकी है।छात्रों को मिलने वाली निशुल्क परिवहन सुविधा पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कई क्षेत्रों में इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने निर्णय लिया है कि जहां कम से कम 10 छात्र होंगे, वहां बसों के समय में बदलाव कर मुफ्त परिवहन सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने निगम प्रबंधन को इस दिशा में त्वरित समाधान के निर्देश दिए।पीटरहॉफ में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जल शक्ति विभाग की स्क्रीनिंग कमेटी की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपमुख्यमंत्री ने विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने जल आपूर्ति और सिंचाई परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही अधिकारियों को फील्ड में जाकर कार्यों की नियमित निगरानी करने को कहा।बैठक में प्रधान सचिव विधि राजीव बाली, सचिव जल शक्ति राखिल काहलों, विशेष सचिव वित्त विजय वर्धन सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।