आवाज़ ए हिमाचल
02 अक्टूबर।पूर्व मंत्री मेजर विजय सिंह मानकोटिया रविवार को एक बार फिर मीडिया के मुखातिब होंगे।मेजर की पत्रकारवार्ता की सूचना मिलते ही प्रदेश सरकार का सीआईडी विभाग सहित तमाम राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हो गई है,तथा मानकोटिया की प्रेसकांफ्रेस पर नजरे गढ़ा दी है।मानकोटिया इस बार काफी समय बाद पत्रकार वार्ता कर रहे है तथा बड़ी बात यह है कि यह प्रेसकांफ्रेस उस समय हो रही है जब प्रदेश में उप चुनाव का बिगुल बज चुका है,इसके अलावा पंजाब कांग्रेस में भी उथल पुथल मची हुई है।सूत्रों की माने तो मानकोटिया प्रेसवार्ता के दौरान पंजाब कांग्रेस के वर्तमान हालातों पर अपनी बात रखेंगे।मानकोटिया की रविवार को होने वाली पत्रकारवार्ता के दौरान आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी भागीदारी को लेकर भी खुलासे कर सकती है।मानकोटिया अपने चुनाव लड़ने पर भी अपनी रणनीति का खुलासा कर सकते है।यहां बता दे कि मेजर विजय सिंह मानकोटिया पांच बार विधायक,दो बार मंत्री व एक बार पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन रह चुके है।मानकोटिया राजपूत नेता होने संग पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष भी तथा उनका पूर्व सैनिक वोट पर अच्छा खासा प्रभाव है,ऐसे में यही बजह है कि उनकी कांग्रेस में वापसी पर भी एक मुहिम चली है,इसका खुलासा खुद मेजर विजय सिंह मानकोटिया कर चुके है। प्रदेश के एक संसदीय क्षेत्र और तीन विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव की घोषणा के बाद आखिर मेजर की बन्दूक से निकलने वाली गोली का निशाना किस तरफ होगा और यह किसका सीना छलनी करेगी,इस पर भी सबकी नजरें टिकी हुई है। पॉलिटिकल पार्टियों और उनके नेताओं की चिंता स्वाभाविक भी है क्योंकि जब-जब मेजर “ओम महल” से निकल कर पत्रकारों से बतियाते हैं तो प्रदेश की राजनीति में अक्सर एक भूकम्प सा आ जाता है और वह एक नई बहस भी छोड़ जाते हैं । कईयों को यह रास आ जाती है तो कई परेशान हो जाते हैं। अभी हाल ही में जिस तरह मानकोटिया ने अपने इरादे साफ करते हुए एलान कर दिया कि अगले वर्ष होने वाले विस चुनाव में वे हर हाल में चुनाव लड़ेंगे,इसस किस पार्टी से लड़ेंगे और रिजल्ट क्या होगा, वे भी जल्द तय होगा, लेकिन वे शाहपुर का चुनावी मैदान खाली रखने वाले नहीं हैं । मेजर के इस एलान ने भी कईयों की नींद हराम कर रखी है किदो बार प्रदेश की राजनीति में अकेले अपने दम पर कांग्रेस को सत्ता में आने से रोक चुके मेजर मानकोटिया के राजनीतिक रसूख से भाजपा व कांग्रेस भलीभांति परिचित भी हैं । यही बजह है कि कोई रिस्क लेना भी नहीं चाह रहा और मेजर से टकराना भी नहीं चाह रहा, परन्तु चाहते सभी यही हैं कि मेजर का निशाना उनकी तरफ न हो। चुनावी वेला पर अब मानकोटिया की प्रेस ब्रीफिंग पर सभी की नजरें टिक गई हैं कि आखिर वे क्या कहने वाले हैं।उप चुनाव, कांग्रेस का पंजाब प्रकरण तथा मेजर के चुनाव क्षेत्र शाहपुर में सोमवार को आम आदमी पार्टी की होने वाली रैली शायद मानकोटिया की प्रेस वार्ता का हिस्सा हो सकते हैं लेकिन अगले वर्ष प्रदेश की सत्ता में कब्जा जमाने की ख्वाईश पाले कांग्रेस, भाजपा व आम आदमी पार्टी की चिंताएं कुछ और ही हैं । वाकी रविवार को ही तय होगा कि मेजर की बन्दूक से क्या निकलता है और निशाना किधर होता है ।