आवाज ए हिमाचल
तरसेम जरयाल, बोह/ शाहपुर। अगर मन में कुछ कर गुजरने की चाह हो तो लाख मुश्किलों के बावजूद मंजिल मिल ही जाती है। इसी बात को ग्राम पँचायत रुलहेड गांब मोरछ (बोह) निवासी भेड़पालक ठेका राम के बेटे ऋषभ जरयाल ने सावित कर दिखाया है। कहते हैं मेहनत तो सभी करते हैं, लेकिन जो दिमाग लगाकर मेहनत करता है वह बाकी लोगों से जल्दी सफलता हासिल कर लेता है. ऐसी ही एक सफलता की कहानी ऋषभ जरयाल की है। लोकसेवा आयोग हिमाचल ने लास्ट राउंड में पर्सनेलिटी टेस्ट के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। 4 अप्रैल 2022 से 29 अप्रैल 2022 में इस परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। 27 नवंबर 2022 में लिखित परीक्षा हुई थी। 2 जून 2023 को लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ था। 19 से 21 जून 2023 को पर्सनेलिटी टेस्ट लेने के बाद आयोग ने परिणाम घोषित किया है।
ऋषभ जरयाल ने कॉलेज केडर के लिए वर्ष 2022 में हिमाचल पब्लिक सर्विस कमीशन का टेस्ट दिया था, और जून 2023 के अंतिम दिनों में साक्षात्कार हुए थे। 23 जून 2023 को परिणाम निकलने पर ऋषभ जरयाल का चयन राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से घोषित परिणाम में सहायक प्रोफेसर हिंदी विभाग कॉलेज कैडर में हुआ है। अब ऋषभ जरयाल महाविद्यालय में बतौर एसिस्टेंट प्रोफेसर सेवाएं देंगे। ऋषभ जरयाल के प्रोफेसर बनने से गांव मोरछ, बोह में खुशी का माहौल है। ऋषभ जरयाल ने कॉलेज केडर के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित होकर अपने क्षेत्र के साथ साथ पूरी धारकंडी का नाम रोशन किया है।
इनकी 5 वीं तक कि शिक्षा प्राथमिक स्कूल मोरछ से और 12वीं तक की शिक्षा सीनियर सेकेंडरी स्कूल शाहपुर में ही हुई है। ऋषभ जरयाल ने राजकीय महाविद्यालय शाहपुर से स्नातक और 2018 से 2020 तक पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से हिंदी विभाग में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। तुरन्त बाद 2020 से 2022 में बैचलर ऑफ एजूकेशन (बीएड) हरयाणा से की है, एमए की पढ़ाई के दौरान 2019 में नेट, सेट की परीक्षा भी पहले अटेम्प्ट में पास कर ली थी, और अभी वर्तमान में इनकी पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से हिंदी विषय मे पीएचडी की पढ़ाई चल रही हैं।
ऋषभ जरयाल ने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता और राजकीय महाविद्यालय से हिंदी विभाग में बतौर असिस्टेन्ट प्रोफ़ेसर कार्यरत प्रो० आशा शर्मा और प्रोफ़ेसर मुकेश कुमार को दिया है। ऋषभ ने कहा कि प्रो. आशा शर्मा और प्रो. मुकेश शर्मा ने मेरी विपरीत परिस्थितियों में भी मेरे उपर विश्वाश जिताकर मुझे इस मुकाम को हासिल करने के लिए प्रेरित किया और मुझे पंजाब विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के लिए भेजा। मेरे हर वक्त में मेरा साथ दिया और मंजिल तक पहुंचने के लिए सहारा बनकर मुझे अपना मार्गदर्शन दिया। साथ साथ मे अपनी सफलता का श्रेय गुरुजनों नीरू ठाकुर, नेहा जिंटा, शकुंतला वर्मा, सौमदा वसु, सुरेंदर, पंकज शर्मा और कृष्ण लाल, स्वर्ण लता, प्रवीन जरयाल, अभिषेक जरयाल, निशा देवी, ववली देवी, प्रियंका का जिन्होंने इनके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचरण किया।