आवाज़ ए हिमाचल
देहरादून। उत्तराखंड में अब तक करीब 58 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह हिमस्खलन की चपेट में आ गया है। सूचना पर वायुसेना ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 26 लोगों को बचा लिया, जबकि चार लोगों के शव निकाले जा सके। वहीं अभी भी 28 प्रशिक्षु पर्वतारोही लापता है। एसडीआरएफ की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि दो मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। लापता लोगों में हिमाचल प्रदेश के एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी शामिल हैं। बुधवार सुबह फिर से बचाव अभियान चलाया गया।
बता दें कि उत्तराखंड पुलिस ने बुधवार को उन 28 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की सूची जारी की जो राज्य के उत्तरकाशी जिले में द्रौपदी का डांडा-2 शिखर पर 17,000 फुट की ऊंचाई पर भीषण हिमस्खलन होने के बाद से लापता हैं। हिमस्खलन मंगलवार को उस समय हुआ जब उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के 34 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों और सात प्रशिक्षकों का एक दल शिखर से वापस लौट रहा था।
पुलिस की ओर से जारी सूची के अनुसार, ये प्रशिक्षु पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के हैं। संस्थान के प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट के अनुसार, मंगलवार को 10 शव देखे गए थे, जिनमें से चार को निकाल लिया गया है। अंधेरे और खराब मौसम के कारण बचाव अभियान रोकना पड़ा था जो बुधवार को फिर शुरू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी के द्रौपदी के डांडा(डीकेडी-2) पर्वत चोटी में हिमस्खलन में लापता पर्वतारोहियों को तलाश और बचाव के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मदद का अनुरोध किया। उनके अनुरोध के फौरन बाद एयरफोर्स के तीन हेलिकॉप्टर रेस्क्यू में जुट गए। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षार्थियों को सकुशल बाहर निकालने के लिए निम की टीम के साथ जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना व आईटीबीपी के जवान तेजी से राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए हैं।
पर्वतारोहण के दौरान हिमस्खलन से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के पर्वतारोहियों की बहुमूल्य जिंदगियां गईं और कई अन्य के फंसे होने से मैं बहुत व्यथित हूं। सीएम धामी ने मुझे जानकारी दी। मैंने भारतीय वायु सेना को युद्धस्तर पर बचाव एवं राहत अभियान चलाने के निर्देश दे दिए हैं।– राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री