इंसानियत शर्मसार : रांची में 2 दिन से घरवालों को गुमराह कर रहे डॉक्टर्स, यह तक पता नहीं कहाँ गया संक्रमित मरीज़ का शब्

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आवाज ए हिमाचल

20 अप्रैल। देश में कोरोना का कहर इस कदर फैल रहा है कि स्वास्थ्य महकमे को लेकर किए गए वादे की जमीनी सच्चाई सबके सामने आ रही है। झारखंड के रांची में भी कोरोना बेकाबू हो रहा है और यहां के बड़े-बड़े अस्पतालों में मरीजो के लिए बिस्तर, ऑक्सीजन और दवाइयों की किल्लत हो रही है। रांची के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स से इंसानियत को शर्मसार करने वाले मामला सामने आया है। यहां अस्पताल में एक मरीज की मौत हो गई लेकिन परिवार को अपने परिजन के शव को लेने के लिए दो दिनों तक इंतजार करना पड़ा। अस्पताल प्रशासन ने बड़ी लापरवाही से जवाब दिया कि शव नहीं मिल रहा है। 72 साल की उम्र वाले साधु चरण ठाकुर का रिम्स अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साधु ठाकुर के दामाद सुधीर कुमार ने जानकारी दी कि 15 अप्रैल को बड़ी जद्दोजहद के बाद उन्होंने अपने ससुर को अस्पताल में भर्ती करवाया था।

दामाद सुधीर कुमार ने बताया कि तमान सुविधाओं के ना होने के बाद भी हमें अस्पताल प्रशासन से मिन्नतें करनी पड़ी कि वो एक नॉन ऑक्सीजन बेड दिलवा दें। जबकि उनके ससुर का ऑक्सीजन लेवल नीचे गिरा जा रहा था। लेकिन 16 अप्रैल को उनके ससुर की मौत हो गई। हालांकि परिवार वालों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने मरीज के शव के लिए बहुत परेशान किया। अस्पताल ने शव के लिए एक जगह से दूसरी जगह भटकाया और फिर बाद में रजिस्टर दिखाया, जिसके आधार पर बताया गया कि उनके मरीज का शव लिया जा चुका है। इसके बाद सुधीर ने अस्पताल से कहा कि उनका पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव है।

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