इंदौरा-फतेहपुर में सबसे बड़ा बचाव अभियान, 1731 लोग बचाए गए

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आवाज़ ए हिमाचल

इंदौरा। पौंग से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते कांगड़ा जिला के इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल की करीब 25 पंचायतें पूरी तरह से पानी में डूब गई हैं। यहां फंसे लोगों को निकालने के लिए बुधवार को प्रदेश का सबसे बड़ा रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया और 1731 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। मंगलवार दोपहर से जारी इस रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, एयरफोर्स, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई है। खबर लिखे जाने तक हेलिकॉप्टर के मदद से कुल 739, बोट के द्वारा 780 और अन्य माध्यमों से 212 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी बुधवार को यहां पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया और प्रशासन को बेहतर आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। डीसी कांगड़ा डा. निपुण जिंदल ने बताया कि पौंग बांध से अत्यधिक जल छोड़े जाने के कारण साथ लगते फतेहपुर और इंदौरा क्षेत्र में कई लोगों के फंसे होने की जानकारी प्रशासन को मिली थी। उन्होंने बताया कि स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से भारतीय सेना और वायु सेना से संपर्क साधा। उन्होंने बताया कि सेना ने त्वरित प्रभाव से अपने दो फ्लड रिलीफ कॉलम को मौके पर भेजा। ऑपरेशन में सेना के कुल 60 जवान शामिल रहे। वहीं लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए भारतीय वायु सेना के दो एमआई-17 हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की सात टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में दिन रात तैनात हैं, जिसमें 182 जवानों शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त एसडीआरएफ की टीमें और पुलिस के जवान भी बचाव कार्य में लगे रहे।

डा. निपुण जिंदल ने बताया कि इंदौरा और फतेहपुर से निकाले जा रहे लोगों को प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों में ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी तक कुल 237 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा रेस्क्यू किए जा रहे लोगों के लिए क्षेत्र में पांच रिलीफ कैंप स्थापित किए गए हैं, जिसमें फतेहपुर और इंदौरा उपमंडल में दो-दो तथा नूरपुर में एक रिलीफ कैंप लगाया गया है।

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