आवाज़ ए हिमाचल
18 मार्च। पुलिस थाना इंदौरा के तहत पड़ते टांडा पत्तन ब्यास पर बने पुल पर अरनी यूनिवर्सिटी से मात्र कुछ ही दूरी पर चंबा से आए दो भेड़पालक 400 भेड़ बकरियों के साथ नदी के मध्य बने एक टॉपू में फंस गए। उनका एक अन्य साथी भेड़पालक जन्म सिंह पुत्र संतराम निवासी गांव चिचूल डा संनवाल तहसील तीसा जिला चंबा जो नदी के किनारे सुरक्षित था। उक्त साथी ने बताया कि प्रेम सिंह पुत्र हरिचंद व समीर खान पुत्र मंगतू खान निवासी तीसा करीब 400 भेड़ बकरियों को ब्यास नदी में एक टापू में चरा रहे थे कि अचानक नदी का जलस्तर बढ़ गया और वो दोनों अपनी भेड़-बकरियों सहित वहां फंस गए।देखते ही देखते ब्यास दरिया में जलस्तर बढ़ता गया और नदी का पानी इनके चारों ओर फैल गया। तभी दोनों लोगों के मोबाइल पर संपर्क साधा गया और उनका बचाव करने के लिए शोर मचाया। स्थानीय लोग भी एकत्रित हुए और बचाव कार्य के लिए थाना इंदौरा को सूचित किया गया।
देर रात चलता राहत बचाव कार्य
सूचना मिलते ही देर रात एसडीएम इंदौरा सोमिल गौतम और थाना प्रभारी इंदौरा सुरिंद्र सिंह धीमान मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने नूरपूर स्थित एनडीआरएफ की टीम को सूचित किया और ब्यास नदी के पानी मे फंसे हुए लोगों को हर संभव सहायता देने का प्रयास किया। पानी का जलस्तर इतना अधिक था कि इनकी सहायता करना बड़ा मुश्किल साबित हो रहा था। कड़ी मशक्कत के बाद दोनों भेड़ पालकों को सुरक्षित निकाला और फिर टापू में फंसी हुई भेड़ों को निकालने के लिए अभियान छेड़ा गया। सारे पशुधन को सुरक्षित निकाल लिया गया।