इंदौरा के एक उद्योग में मजदूर छंटनी तानाशाही फैसला-अशोक कटोच

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आवाज ए हिमाचल
3 अप्रैल, पालमपुर: ज़िला कांगड़ा के इन्दौरा खंड के अधीन मलौट औद्योगिक क्षेत्र में एक बायोटेक (दवाई) उद्योग में बिना नोटिस दिए व  श्रम कानूनो का उल्लंघन करते हुये 32 मजदूरों को नौकरी से हटाने का आरोप लगाते हुए मजदूर  संगठन सीटू ने उद्योग प्रन्बधन का यह फैसला तानाशाही पूर्ण बताया है।
सीटू ने छंटनी आदेशों को तुरंत वापिस लेने की मांग की है। सीटू के जिला वित्त सचिव अशोक कटोच ने कहा कि प्रदेश में श्रम कानूनो की अनुपालना कराने में प्रदेश सरकार व श्रंम  विभाग विफल रहे हैं और साथ ही साथ मजदूरों के हितों की सुरक्षा करने में सरकार व श्रम विभाग की नाकामी का  ही परिणाम है कि पूरे प्रदेश में कारखाना मालिकों की  मनमानी का मजदूर शिकार हो रहे है तथा धन कुबेर मजदूरों का ज़म कर शोषण  कर रहे हैं I उन्होने  कहा कि केन्द्र सरकार ने 44 श्रम कानूनो की जगह जो  चार श्रम सहिंताये बनायी हैं उसमें मजदूरों के अधिकारों  में  कटौती की गयी है और अधिकांश प्रावधान पूजीपतिंयों  के  पक्ष को मजबूत करते हैं ।
इसी के परिणाम स्वरूप इन्दौरा  में की गई मजदूर बर्खास्ती जैसे घटनाक्रम देखने को मिल  रहे हैं । सीटू नेता अशोक कटोच ने इस मामले में श्रम  विभाग के तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है और अपनी  नौकरी की बहाली के लिए आंदोलनरत मजदूरों के आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया है । उन्होने बताया कि शीघ्र ही सीटू ज़िला कमेटी, मलौट (इन्दौरा खण्ड) के  पीडित मजदूरों के आंदोलन का समर्थन करने जाएगी ।

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