इंटरनल विवि में “यूनिवर्सिटीज सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स” पर कार्यक्रम

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आवाज़ ए हिमाचल 

                   जीडी शर्मा  ( राजगढ़ )

30 अक्तूबर । इंटरनल विश्वविद्यालय बडू. साहिब में “यूनिवर्सिटीज सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स” पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी शुरुआत डॉ नरिंदरपाल सिंह की एक प्रेजेंटेशन से हुईI जिसमें उन्होने १७ सूत्रीय सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स जैसे की गरीबी , भुखमरी , अच्छी सेहत, उच्च गुणवक्ता वाली शिक्षा, लैंगिक समानता, साफ़ पानी , स्वच्छ ऊर्जा , आर्थिक विकास, उद्योग नवाचार, असमानता को कम करना, स्थायी एवं टिकाऊ शहर और समुदाय, उचित मात्रा में खपत और उत्पादन, जलवायु क्रिया, जलीय जीवन , जमीन पर जीवन, शांति एवं न्याय और लक्ष्यों के लिए साझेदारी पर जोर दिया। अपने वक्तव्यों से उन्होंने सभी आगंतुकों को मोह लिया । डॉ प्रितेश व्यास जो की इंटरनल विश्वविद्यालय बडू साहिब में “यूनिवर्सिटीज सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स ” के चेयरमैन हैं ।

उन्होंने यूनिवर्सिटी के सभी विभागों का सुस्टेंबिलिटी में योगदान एवं भागीदारी का बखूबी व्याख्यान किया । इस कार्यक्रम के दौरान छात्रों के लिए पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें अकाल कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर की छात्रा करिश्मा , अकाल कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग की छात्रा सुमनप्रीत, अकाल कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर की छात्रा कुसुम काव्य एवं गरिमा, अकाल कॉलेज ऑफ़ हेल्थ एंड अलाइड साइंसेज की छात्रा साक्षी ठाकुर, अभया एवं शीना ठाकुर, अकाल कॉलेज ऑफ़ बेसिक साइंसेज की छात्रा लवलीन कौर, अकाल कॉलेज ऑफ़ हूमनाईटीएस की छात्रा सिमरनजीत कौर को अपने योगदान के लिए पुरस्कृत भी किया गया ।

अंत में इटर्नल यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर एवं कलगीधर ट्रस्ट के सेक्रेटरी डॉ दैवेद्र सिंह जी के अपने विचार रखे उन्होंने अपने वक्तव्य में सामाजिक एवं आर्थिक असमानता, गरीबी, भुखमरी , आय की असमानता, जुर्म एवं शांति में सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के महत्त्व को को समझाया । इस मौके पर डायरेक्टर ऑफ़ एग्जामिनेशन डॉ बलदेव सोहल, मेडिसिनल प्लांट के माहिर डॉ शर्मा, डॉ अडवाणी , डायरेक्टर इंडस्ट्री डॉ घोष, डॉ डायरेक्टर रिसर्च डॉ नरिंदरपाल सिंह एवं डॉ मिनाक्षी गुप्ता को तुलसी का एक पौधा देकर सम्मानित किया गया । अंत में डॉ प्रितेश व्यास ने विशेष रूप से डॉ विवेक शर्मा, डॉ पुनीत नेगी, स्वयंसेवक रविंदर सिंह , सभी प्रतियोगिओं , शिक्षकों एवं डॉ दविंदर सिंह जी का अपार धन्यवाद व्यक्त किया ।

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