यह सभी को भली भांति विदित है कि 2019 के चुनावों में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक बड़े-बड़े दिगज्जों को हार का सामना करना पड़ा। कौल सिंह बताएं कि उन्होंने अपने गृहक्षेत्र द्रंग से कांग्रेस को कितनी बढ़त दिलाई थी। आज कांग्रेस पार्टी ने नया नियम बनाया है कि जो चुनावों में कामयाब नहीं हो रहा है, वहां पर दूसरे को मौका दिया जा रहा है। यदि यह नियम मुझ पर लागू होता है, तो फिर आने वाले विधानसभा चुनावों में कौल सिंह और उनकी बेटी चंपा ठाकुर पर भी लागू होना चाहिए,
क्योंकि कौल सिंह 8 हजार तथा उनकी बेटी 10 हजार मतों से हारी हैं। आश्रय कहते हैं कि कौल सिंह कह रहे हैं कि मैंने राहुल गांधी के पैरों में पड़कर टिकट मांगा था, जबकि हमें दोबारा पार्टी में शामिल करने का फैसला खुद राहुल गांधी जी का था और राहुल गांधी के फैसले पर सवाल उठाने का मतलब है कि खुद राहुल गांधी पर सवाल उठाना। मैंने जिंदगी में कभी राजनीतिक लालसा से किसी के पैर नहीं छुए, लेकिन आदर भाव देने के लिए सभी के पैर जरूर छूता हूं।