आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
24 फ़रवरी।विश्व मानव कल्याण संस्थान के अध्यक्ष डा. तेज प्रताप पांडेय ने कहा है कि सरकार द्वारा बाहर से इन्वेस्टर लाने का निर्णय बहुत स्वागत योग्य है लेकिन इससे पहले अगर वर्तमान में चल रहे उद्योगों और व्यापारियों की दशा पर भी मनन किया जाता तो ज्यादा बेहतर होता वह बिलासपुर में पत्रकारों से बात कर रहे थे उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 मे तथाकथित कोरोना के कारण उद्योग व्यापार करीब ठप से हो गए। कुछ भय से बंद हुए तो कुछ कुछ सरकारी आदेश पर। उस दौरान व्यापार बन्द होने के कारण कुछ दुकाने बन्द हो गयी। दिया गया उधार मर गया जिससे व्यापारियों को लाखों रुपयो का नुकसान हुआ।
करीब यही हाल उद्योगों का भी रहा। यातायात के साधन बन्द। सामान का लाना भेजना बन्द। उधार की वसूली, सप्लाई बन्द। एकतरफ मार्केट में उधार डूबा, दूसरी तरफ लेबर को सहयोग, बैंक का ब्याज, अन्य खर्च होने से भारी भरकम कर्ज की वापसी रुक गयी। कर्ज दाताओं से तंग आकर बहुत से लोगों ने आत्महत्या करली। जो कर्जदार बचे है तंगी की हालत मे है। उन्होंने कहा कि
सरकार नये इनवेस्टर लाकर उद्योग लगाने की बात करती है उनको अनुदान व छूट की बात करती है। यदि छूट व अनुदान की राशि पूर्व स्थापित उद्योगों को सहायतार्थ सरकार द्वारा दे दी जाए तो उद्योगों की हालत सुधर जाएगी । उद्योगों की हालत सुधरने से सरकार को टेक्स मजदूर को काम, बेरोजगारी पर भी लगाम लगेगी।
यह ठीक है कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री योजनाओं के माध्यम से उद्योग, व्यापार के लिए कर्ज देने का प्रचार किया जा रहा है जो कई विसंगतियों के कारण असफल होता नजर आ रहा है। आर्थिक हालत, बेरोजगारी समाप्त करना है तो सरकार और बैंक दोनो को खुले रुप से विचार करना होगा ।