आवाज ए हिमाचल
21 अप्रैल। बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण अपने पहले तीनों मैच गंवाने वाली सनराइजर्स हैदराबाद और किसी एक विभाग की नाकामी से अपेक्षित शुरुआत नहीं कर पाने वाली पंजाब किंग्स की टीम बुधवार को जब चेन्नई में आमने-सामने होंगी तो उनकी निगाह केवल जीत पर टिकी रहेगी। डेविड वार्नर की अगुवाई वाले सनराइजर्स की शुरुआत इस सत्र में निराशाजनक रही है। उसकी टीम ने अब तक तीन मैचों में लक्ष्य का पीछा करते हुए मामूली अंतर से अपने मैच गंवाए हैं और उसने खाता नहीं खोला है। पंजाब की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही है। केएल राहुल के नेतृत्व में टीम को तीन में से दो मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। पंजाब ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ बड़े स्कोर वाले पहले मैच में बमुश्किल अपने स्कोर का बचाव किया था, लेकिन इसके बाद चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ उसके बल्लेबाज तो दिल्ली कैपिटल्स के सामने उसके गेंदबाज अनुकूल प्रदर्शन नहीं कर पाए थे।
चेन्नई के गेंदबाजों के सामने पंजाब किंग्स की टीम आठ विकेट पर 106 रन ही बना पाई थी और उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था। दिल्ली के खिलाफ राहुल और उनके सलामी जोड़ीदार मयंक अग्रवाल ने पिछले साल वाली फार्म दिखाई, लेकिन स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी इस मैच में नाकाम रहे और टीम 196 रन के लक्ष्य का बचाव नहीं कर पाई। ऐसा कम ही देखने को मिलता है जबकि शमी ने चार ओवर में 50 से अधिक रन लुटाए हों। यह तेज गेंदबाज सनराइजर्स के खिलाफ इसकी भरपाई करने की कोशिश करेंगा, लेकिन वार्नर और जॉनी बेयरस्टो ने पिछले मैच में पूर्व की तरह अच्छी शुरुआत दिलाई थी और ये दोनों शमी और उनके साथियों पर शुरू से हावी होने का प्रयास करेंगे।
अर्शदीप सिंह ने अब तक टीम के लिए अच्छी गेंदबाजी की है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के झाय रिचर्डसन और रिले मेरेडिथ प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे हैं। इन दोनों ने तीन मैचों में 10 से अधिक की स्ट्राइक रेट से रन लुटाए हैं। पंजाब को चेपक की धीमी पिच पर एक अदद स्पिनर की कमी खल रही है। टीम स्पिन विभाग में मुरुगन अश्विन पर निर्भर रही है, लेकिन पहले दो मैचों में उनकी नाकामी के बाद टीम को जलज सक्सेना को उतारना पड़ा। जलज की ऑलराउंड क्षमता को देखकर टीम उन्हें आगे भी अंतिम एकादश में बनाए रख सकती है।
पंजाब के पास दीपक हुड्डा के रूप में एक और ऑलराउंडर है, जिन्होंने बल्लेबाजी में अपनी भूमिका से न्याय किया है, लेकिन गेंदबाजी में उन्हें केवल दो ओवर करने का मौका मिला है। पंजाब को बल्लेबाजी कैरेबियाई दिग्गजों क्रिस गेल और निकोलस पूरऩ से भी धमाकेदार पारियों का इंतजार है। इन दोनों का बल्ला अभी तक नहीं चल पाया है।
सनराइजर्स के लिए यह मैच काफी महत्वपूर्ण बन गया है, क्योंकि लगातार तीन पराजय के बाद मनोबल बढ़ाने के लिए उसे इसकी सख्त दरकार है। टीम मध्य और निचले क्रम के बल्लेबाजों की असफलता के कारण पिछले मैचों में अंतिम क्षणों में लक्ष्य से चूक गई थी। तीनों मैच में टीम जीत की स्थिति में पहुंचने के बावजूद मैच गंवाए जो कि वार्नर के लिए निश्चित तौर पर चिंता का विषय होगा। मुंबई के खिलाफ वार्नर और बेयरस्टो ने टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई थी, लेकिन इन दोनों के आउट होने के बाद उसका मध्यक्रम लड़खड़ा गया। भारतीय बल्लेबाजों में केवल मनीष पांडे ही अच्छा खेल दिखा पाए हैं। विराट सिंह, विजय शंकर, अभिषेक शर्मा और अब्दुल समद ने निराश किया है। ऐसे में टीम मध्यक्रम को मजबूती देने के लिए केन विलियमसन को अंतिम एकादश में शामिल कर सकती है।भुवनेश्वर कुमार के अपेक्षित प्रदर्शन नहीं करने के बावजूद स्टार लेग स्पिनर राशिद खान की प्रभावशाली गेंदबाजी से सनराइजर्स के गेंदबाजों ने बल्लेबाजों को हावी नहीं होने दिया। यदि भुवनेश्वर और राशिद दोनों चलते हैं तो फिर पंजाब के बल्लेबाजों के लिए बड़ा स्कोर बनाना मुश्किल होगा।
सनराइजर्स हैदराबाद: डेविड वार्नर (कप्तान), केन विलियमसन, विराट सिंह, मनीष पांडे, प्रियम गर्ग, ऋधिमान साहा, जॉनी बेयरस्टो, जेसन रॉय, श्रीवत्स गोस्वामी, विजय शंकर, मोहम्मद नबी, केदार जाधव, जे सुचित, जेसन होल्डर, अभिषेक शर्मा, अब्दुल समद, भुवनेश्वर कुमार, राशिद खान, टी नटराजन, संदीप शर्मा, खलील अहमद, सिद्धार्थ कौल, बासिल थम्पी, शाहबाज नदीम और मुजीब-उर-रहमान। पंजाब किंग्स: केएल राहुल (कप्तान), मयंक अग्रवाल, क्रिस गेल, मनदीप सिंह, प्रभसिमरन सिंह, निकोलस पूरन (विकेटकीपर), सरफराज खान, दीपक हुड्डा, मुरुगन अश्विन, रवि बिश्नोई, हरप्रीत बराड़, मोहम्मद शमी, अर्शदीप सिंह, इशान पोरेल, दर्शन नल्कंडे, क्रिस जॉर्डन, डेविड मलान, झाय रिचर्डसन, शाहरुख खान, रिले मेरेडिथ, मोइजेस हेनरिक्स, जलज सक्सेना, उत्कर्ष सिंह, फैबियन एलन, सौरभ कुमार।