आपदा प्रबंधन पर खर्च होगा 1300 करोड़, पालमपुर में बनेगा मुख्य एसडीआरएफ ट्रेनिंग सेंटर

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आवाज ए हिमाचल

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि आपदा से निपटने को लेकर राज्य सरकार तैयारी कर रही है। इसके लिए करीब 1300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। फ्रांस की एजेंसी एएफडी के सहयोग से 800 करोड़ रुपए की परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है और मिटीगेशन फंड से 500 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पालमपुर में एक मुख्य एसडीआरएफ प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री सोमवार को अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस समर्थ-2024 की अध्यक्षता कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आपदा के प्रभावी प्रबंधन में जागरूकता महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण आपदा की घटनाओं में वृद्धि हुई है, इसलिए आपदाओं का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित कर इन चुनौतियों के साथ जीना सीखना होगा। पिछले वर्ष मानसून के दौरान प्रदेश में 500 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई और 10 हजार करोड़ रुपए की सार्वजनिक और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था। केंद्र सरकार से किसी प्रकार की वित्तीय सहायता न मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने 23 हजार प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया और 4500 करोड़ रुपए का आपदा राहत पैकेज लागू किया है। मुख्यमंत्री ने आपदा राहत प्रयासों में राजनीतिक हस्तक्षेप की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश को अभी तक आपदा उपरांत आवश्यकता आकलन (पीडीएनए) के 10 हजार करोड़ रुपए नहीं मिले हैं। विपक्ष द्वारा खड़ी की गई तमाम बाधाओं के बावजूद उनके निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप इस दिशा में कुछ प्रगति हुई है।

 

इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि पोर्टल का शुभारंभ किया और हिमाचल प्रदेश में महत्त्वपूर्ण भवनों के लिए भूकंप रेट्रोफिटिंग कार्यक्रम की भी शुरुआत की। सरकार की इस पहल को सीबीआरआई रुडक़ी, एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ और एनआईटी हमीरपुर की तकनीकी विशेषज्ञता का सहयोग मिलेगा। इसके अतिरिक्त, बाल रक्षा भारत और जी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के सहयोग से जिला सोलन की ग्राम पंचायत बवासनी में रेजिलिएंट मॉडल विलेज विकसित करने के लिए रीबिल्डिंग लाइव नामक एक कार्यक्रम भी शुरू किया गया। इस मौके पर विधायक हरीश जनारथा, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा, एडीजीपी सतवंत अटवाल, सीबीआरआई, रूडक़ी के निदेशक प्रदीप कुमार, विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा, उपायुक्त अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी उपस्थित थे।

कांगड़ा और चंबा को सर्वाेत्तम पुरस्कार

कांगड़ा और चंबा जिलों को आपदा के दौरान सर्वाेत्तम प्रदर्शन के पुरस्कार से नवाजा गया है। सीएम ने आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए युवा स्वयंसेवियों की टास्क फोर्स के तौर पर यह पुरस्कार प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने इस मानसून के दौरान समेज, बागीपुल, राजबन में बादल फटने की घटनाओं के दौरान किए गए असाधारण राहत कार्यों के लिए विभिन्न व्यक्तियों को सम्मानित भी किया।

 

कांगड़ा के रैत में एएफडी कार्यक्रम के अनुरूप स्थापित होगी प्रशिक्षण और प्रदर्शन इकाई

मुख्यमंत्री सुक्खू की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) ने प्रदेश में इंजीनियरों, वास्तुकारों, बिल्डरों और राज मिस्त्रियों के कौशल उन्नयन के लिए सीबीआरआई रुडक़ी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत जिला कांगड़ा के रैत में एएफडी कार्यक्रम के लक्ष्यों के अनुरूप एक प्रशिक्षण और प्रदर्शन इकाई (टीडीयू) स्थापित की जाएगी।

 

 

 

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