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यशपाल ठाकुर, परवाणू। औद्योगिक नगरी परवाणू में रविवार व सोमवार को बारिश के चलते आई आपदा के दौरान समाजसेवा का दावा करने वाली सामाजिक संस्थाओ की पोल भी खुल गई। नगर में छोटे मोटे सामाजिक कार्य करके सुर्खियाँ बटोरने वाली सामाजिक संस्थाए आपदा के दौरान गायब रही। ऐसे में इन सामाजिक संस्थाओ द्वारा समाजसेवा का दम भरने की सच्चाई भी लोगों के सामने आ गई है। दो दिन आपदा के चलते पीड़ित लोगों को जब सामाजिक संस्थाओ की सबसे ज्यादा जरुरत थी,उसी दौरान इन संस्थाओं ने जनता से कन्नी काटे रखी। इस दौरान यदि नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी व सेक्टर चार के तीनो पार्षद न होते तो आपदा से पीड़ित लोग पूरी तरह से भगवान भरोसे रह जाते। हैरान कर देने वाली बात तो यह थी की जनता ने जिन लोगों पर पूरे परवाणू नगर का ज़िम्मा सौंपा है,वे भी इस दौरान नदारद रहे। मंगलवार को ब्लड डोनर्स सोसाइटी ने जरूर टीटीआर चौक पर लंगर लगाया व परवाणू औद्योगिक संघ ने रेहन बसेरा व सामुदायिक हॉल में पानी के टैंकर भेजे। गौरतलब है की परवाणू में लगभग 8 से 10 सामाजिक संस्थाए है, जो आए दिन छोटे मोटे कार्य करके खुद को समाजसेवी कहलाती है। इनमे से कुछेक संस्थाए तो ऐसी है जो परवाणू की तस्वीर बदलने का दावा तो करती है, लेकिन जब लोगो को इनकी जरुरत महसूस हुई तो ये संस्थाए पूरी तरह से गायब रही। परवाणू में रविवार व सोमवार को बारिश ने भरी आफत मचाई। बरसात के चलते सेक्टर चार में
कई डंगे गिर गए।यहां आईएचएसडीपी स्कीम के अंतर्गत बने मकानों पर तो खतरा इतना बढ़ गया की यहां रह रहे लोगों को अन्य जगह शिफ्ट करना पड़ा।
ऐसे में नगर परिषद परवाणू के कार्यकारी अधिकारी अनुभव शर्मा, वार्ड 6 के पार्षद ठाकुर दास शर्मा, वार्ड 7 के पार्षद रणजीत ठाकुर, वार्ड 8 की पार्षद मोनिशा शर्मा, पार्षद लखविंदर सिंह व मनोनीत पार्षद सुखविंदर सिंह ने मोर्चा संभाला व लोगों को शिफ्ट करने से लेकर उनके खानपान तक का इंतजाम किया।
उधर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अनुभव शर्मा ने बताया की मकानों से शिफ्ट किए गए लोगों के लिए उनके खाने व पीने का उचित प्रबंध किया गया है। इसके अलावा सेक्टर के रेहन बसेरा व नप के कम्युनिटी हॉल में भी शरण लेने वाले लोगों के लिए लंगर का प्रबंध कर दिया गया है।