आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर।
31 मार्च। जिला कांग्रेस सेवादल के महासचिव संदीप सांख्यान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 1 लाख 50 के करीब निवेशकों का पैसा आदर्श क्रेडिट सहकारी समिति हड़प चुकी है और निवेशकों को अपनी खून-पसीने की गाढ़ी कमाई से हाथ धोना पड़ गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार को इन निवेशकों के बारे में सोचना चाहिए कि कैसे इस तरह को चिट-फंड समिति के कार्यलयों को खोलने के लिए अनुमति दी गई, ताकि हिमाचल व जिला बिलासपुर के भोले-भाले निवेशकों को चुना लगाया जा सके। आदर्श क्रेडिट सहकारी समिति ने अकेले जिला बिलासपुर से 25 करोड़ की चपत गई है और यह समिति अपना बोरिया बिस्तर समेट कर करीब 8 महीने पहले भाग चुकी है और निवेशकों में त्राहिमाम त्राहिमाम मची हुई है।
उन्होंने ये भी बताया कि पूरे देश में इस सहकारी समिति को 809 शाखाएं काम कर रही थी, जिनमें 15000 के आसपास एजेन्ट एडवाइजर के रूप में काम कर रहे थे। इस सहकारी समिति की बैलंस शीट 150 करोड़ की दर्शायी गई है। अकेले जिला बिलासपुर में 1100 के एडवाइजर थे जबकि पूरे देश में 21 लाख निवेशक हैं। इसके खातों में 9474 करोड़ की जमापूंजी और 12433 करोड़ के लोन बंट चुके हैं। अब ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि किस तरह से सरकार ने सारे नियम कानून को ताक पर रख कर इस सहकारी समिति को अपने कार्यलय खोलने के आदेश दे दिए और उसके उपरांत भी प्रदेश में इतना बड़ा गड़बड़ झाला चलता रहा। अगर इस मसले को कानूनी तौर पर देखा जाए संसद में चिट फंड (संशोधन) विधेयक, 2019 किया पारित किया जा चुका है। उसके प्रावधानों के चलते सरकार ने लिक्वडेटर भी बिठाया गया है, लेकिन निवेशकों के पैसों का समाधान कोई नहीं हो पा रहा है।
सांख्यान ने कहा कि जिला बिलासपुर के कुछ लोगों का निवेश ही 30 लाख रुपये से ऊपर है और 2 लाख से 5 लाख रुपये वाले निवेशकों की संख्या भी सैकड़ों में जिला बिलासपुर में ही है। ऐसे प्रदेश और केंद्र सरकार को इनके भारी निवेश को देखते हुए समाधान निकालना चाहिए।