आवाज़ ए हिमाचल
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने हजारों अवैध अप्रवासियों के लिए देश छोड़ने या निर्वासन का सामना करने की समय सीमा एक नवंबर तय की है। गृह मंत्री सरफराज बुगती ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने आतंकवाद और तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ की अध्यक्षता में शीर्ष समिति की एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद प्रेस वार्ता में बुगती ने कहा कि जल्द ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध प्रवासियों के खिलाफ निर्देश मिलेंगे।
बैठक में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और अन्य ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास में हुई बैठक में उग्रवाद के खतरे से निपटने के लिए 2015 में तैयार की गई राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत अवैध अप्रवासियों को हटाने का निर्णय लिया गया। बुगती ने कहा, “पहला निर्णय उन अप्रवासियों के बारे में है जो अवैध तरीकों से पाकिस्तान में रह रहे हैं। हमने उन्हें स्वेच्छा से उनके देश लौटने के लिए एक नवंबर तक की समय सीमा दी है और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो राज्य और प्रांतों की सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियां उन्हें निर्वासित कर देंगी।” उन्होंने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया कि किसी पाकिस्तानी का कल्याण और सुरक्षा सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण है और अवैध रूप से रहने वाले लोगों को निष्कासित करने के निर्णय के संबंध में सभी हितधारकों को “भरोसे में लिया गया।”
उन्होंने कहा कि अवैध अप्रवासियों के स्वामित्व वाली या पाकिस्तानियों के सहयोग से चलाए जा रही अवैध संपत्तियों और व्यवसायों के खिलाफ आंतरिक मंत्रालय में पहले से ही बनाए गए एक कार्य बल द्वारा एक नवंबर के बाद एक अभियान शुरू किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि एक नवंबर के बाद किसी को भी बिना पासपोर्ट या वीजा के पाकिस्तान में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और बिना वैध दस्तावेजों के साथ प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति को निर्वासित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अवैध राष्ट्रीय पहचान पत्र रखने वालों को भी लक्षित किया जाएगा।