आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। वर्ष 2023 में कुल 4 ग्रहण लगने जा रहे हैं। इनमे से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण हैं। पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है। ये सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगा था, जो कि भारत में दृश्य नहीं था। अब पहले सूर्य ग्रहण के बाद साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। ये चंद्र ग्रहण 05 मई को वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध पूर्णिमा वाले दिन लगेगा। वैसे तो चंद्र ग्रहण एक भौगोलिक घटना है, लेकिन पौराणिक मान्यता है कि पूर्णिमा की रात जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं, तब चंद्र ग्रहण लगता है। वहीं चंद्र ग्रहण से कुछ घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, जिसे ज्योतिष के नजरिए से शुभ नहीं माना जाता है। साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 दिन शुक्रवार को लग रहा है। ये चंद्र ग्रहण रात 8 बजकर 45 मिनट से शुरू होगा और देर रात 1 बजे समाप्त होगा।
वैसे तो चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, लेकिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
कहां-कहां नजर आएगा पहला चंद्र ग्रहण
ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया सिर्फ एक तरफ से होती है तो उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इसके कारण ये ग्रहण हर जगह नहीं देखा जा सकेगा। ये चंद्र ग्रहण यूरोप, सेंट्रल एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत अटलांटिक और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा।
चंद्र ग्रहण कब लगता है?
सूर्य के चारों ओर पृथ्वी घूमती है और चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है। इस प्रक्रिया में एक समय ऐसा आता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य एक ही सीध में आ जाते हैं। इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है, लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है। इस घटना को खगोलीय घटना के रूप में चंद्र ग्रहण कहा जाता है।