आईटीआई नैहरियां में “एक पृथ्वी,एक स्वास्थ्य के लिए योग ” विषय पर योगाभ्यास

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आवाज ए हिमाचल

22 जून।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नैहरियां में ” एक पृथ्वी,एक स्वास्थ्य के लिए योग ” विषय के तहत योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में संस्थान के प्रधानाचार्य प्रवेश शर्मा सहित अनुदेशकों सनील कुमार, सुनील दत्त व सुमन कुमारी और प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर आयुष आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र कुठेड़ा खैरला के पंकज शर्मा, सुरेंद्रा कुमारी व सुलेंद्र कुमार भी उपस्थित रहे।इस अवसर पर आयुष आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र कुठेड़ा खैरला के आयुर्वेदिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर नरेश शर्मा ने कहा कि इस योग का मुख्य उद्देश्य हमारे लिए एक निरोगिता के लिए है। हम शारीरिक व मानसिक तौर पर निरोग रहें और हमारी सेहत भी अच्छी रहे। साथ ही हमारी आयु भी लंबी हो। उन्होंने कहा कि आजकल बाजार में जितने भी उत्पाद आ रहे हैं,उनका उपयोग करने से हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग हो रहे हैं,जिनसे बचाव का एक ही मुख्य उपाय योग है। हमें प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक के लिए योग करना चाहिए।योग करने से हम निरोग रहेंगे और हमारा मन भी एकाग्रचित रहेगा।इस अवसर पर आयुष आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र मैड़ी की आयुर्वेदिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर शवी ठाकुर ने कहा, “शरीर सबसे पवित्र मंदिर है, इसे स्वस्थ रखना हमारा सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है।” योगासन शरीर , मन और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं । योग तनाव और चिंता का प्रबंधन करने में भी सहायक है। इस अवसर पर योग अनुदेशिका अंजना देवी ने विभिन्न प्रकार के योगाभ्यास करवा कर प्रशिक्षुओं को निरंतर योग करने के लिए प्रेरित किया । उन्होंने आज सकन्ध खिंचाव , कटी चालन , ताड़ासन , वृक्ष आसान , पाद हस्त आसान , अनुलोम विलोम आसन , भ्रामरी , प्राणायाम , कपालभाती , अर्ध चक्रासन , वज्रासन ,ध्यान आसन , वक्र आसान , सेतु वंध व पवन मुक्त आदि आसन करवाए।इस अवसर पर प्रधानाचार्य प्रवेश शर्मा ने सभी प्रशिक्षुओं को नशे से दूर रहने और योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि योग,ध्यान व प्राणायाम का नियमित अभ्यास करके हम सभी अपने जीवन को स्वस्थ एवं खुशहाल बना सकते हैं । उन्होंने कहा योग दिवस हमें अपनी भाग दौड़ भरी जिंदगी में रुककर अपने भीतर झांक कर शारीरिक मानसिक व आध्यात्मिक संतुलन स्थापित करने के लिए प्रेरित करता है।

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