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शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला में जल्द रोबोटिक सर्जरी शुरू होगी। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही रोबोटिक मशीन खरीदकर ऑपरेशन शुरू किए जाएंगे। आईजीएमसी के जनरल सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरएस झोबटा ने बताया कि अगर सरकार मंजूरी देती है तो आंत, कैंसर, लिवर समेत गंभीर बीमारियों के मरीजों को इसका लाभ होगा। रोबोटिक मशीन की कीमत लगभग 25 करोड़ तक है। अभी पीजीआई चंडीगढ़ के चिकित्सक इस तरीके से सर्जरी करते हैं। डॉ. झोबटा ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी में एक चिकित्सक कंसोल में बैठकर सर्जिकल साधनों की मदद से पेट के कैंसर, बड़ी आंत, प्रोस्टेट और लिवर के कैंसर का ऑपरेशन आसानी से और जल्दी कर सकेगा।
इससे चिकित्सक बीमारी को सही तरह से देख सकेंगे। एक सामान्य तरीके से ऑपरेशन करने में जहां तीन घंटे लगते हैं, जबकि रोबोटिक सर्जरी से ऑपरेशन एक से डेढ़ घंटे में ही हो जाएगा। इसके अलावा पांच से सात लोगों के बजाय एक चिकित्सक, एक एनेस्थीसिया चिकित्सक और एक सिस्टर पूरे ऑपरेशन का काम संभालेगी।
ऐसे होता है ऑपरेशन
एक विशेष कंसोल में बैठा सर्जन ऑपरेशन का काम संभालता है। छोटे चीरों के माध्यम से शरीर के अंदर एक छोटा 3डी कैमरा और छोटे सिक्के के आकार का उपकरण डाला जाता है। सर्जन को ऑपरेशन करने वाली जगह का एक बड़ा 360 डिग्री दृश्य दिखता है। कंसोल में बैठा सर्जन दूर से सर्जिकल साधनों से जुड़े रोबोटिक हाथों को हिलाता है। इसके अलावा साथ खड़ा चिकित्सक इस बात की जानकारी देता है कि उपकरण सही जगह पर जाकर अपना काम कर रहा है या नहीं।