आईआईटी कानपुर स्टडी में रिसर्च के दौरान पाया गया, अगर नया म्युटेंट नहीं बना तो कमजोर होगी कोरोना की तीसरी लहर

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आवाज़ ए हिमाचल

04 जुलाई । देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर अभी देश में बरकरार है परन्तु अभी से तीसरी लहर की आशंकाएं हैं। इस बीच आईआईटी कानपुर की एक स्टडी में रिसर्च के दौरान बताया गया है कि अगर कोरोना वायरस का बहुत तेजी से फैलने वाला म्यूटेंट नहीं बना तो तीसरी लहर दूसरी यहां तक कि पहली लहर के मुकाबले भी कमजोर होगी। इसका पूर्वानुमान ‘सूत्रÓ मॉडल के आधार पर लगाया है। सूत्र विश्लेषण के अनुसार अगर तेजी से फैलने वाला म्यूटेंट नहीं बनता है तो तीसरी लहर पहली के जैसी ही होगी।

सूत्र का विश्लेषण करने वाले वैज्ञानिकों की टीम में शामिल आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल के अनुसार उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तीन संभावित स्थितियों की भविष्यवाणी की है। उनका कहना है कि तीसरी लहर छोटी तथा कमजोर हो सकती है। अगर कोई तेजी से फैलने वाला म्यूटेंट नहीं रहा तो यह एक कमजोर लहर होगी लेकिन अगर वायरस का कोई तेजी से फैलने वाला म्यूटेंट रहता है तो तीसरी लहर पहली वाली लहर के जैसे ही होगी। प्रोफेसर अग्रवाल के अनुसार जो सबसे आशावादी अनुमान है ।

उसके आधार पर अगस्त तक जीवन सामान्य हो जाएगा बशर्ते कि कोई नया म्यूटेंट न आए। दूसरा अनुमान यह है कि टीकाकरण 20 प्रतिशत कम प्रभावी होगा। तीसरी स्थिति बेहद निराशाजनक है जिसके अनुसार अगस्त में एक नया म्यूटेंट सामने आ सकता है जो 25 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक होगा। सूत्र मॉडल के आधार पर अगर कोरोना वायरस का कोई ऐसा म्यूटेंट आ जाए जो बड़े पैमाने पर वैक्सीन को भी चकमा दे जाए तो जो ठीक हो चुके लोग हैं वह उन्हें भी भेद सकता है ।

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