आंगनबाड़ी कर्मी प्री प्राइमरी में नियुक्ति व अन्य मांगों को लेकर नौ मार्च को प्रदेशव्यापी हड़ताल करेंगी ।

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आवाज़ ए हिमाचल

प्रतिनिधि, पालमपुर

04 मार्च। आंगनबाड़ी वर्करज़ एवं हेल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की जिला कांगड़ा कमेटी ने यूनियन की राज्य कमेटी के आह्वान पर आंगनबाड़ी कर्मियों की प्री प्राइमरी में नियुक्ति व अन्य मांगों को लेकर नौ मार्च को प्रदेशव्यापी हड़ताल  की  घोषणा  कर  दी  है । इस दिन  जिला के सैंकड़ों आंगनबाड़ी कर्मी शिमला में विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन करेंगे। हड़ताल के संदर्भ में यूनियन ने निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग हिमाचल प्रदेश सरकार शिमला को हड़ताल का नोटिस भेज दिया है। इस दिन  जिला कांगड़ा  के लम्बागाओं  बैजनाथ, भवारना, भेडू  महादेव (सुलह ), पंचरुखी, नगरोटा  बगवां, कांगड़ा, देहरा, प्रागपुर, नगरोटा सूरीयां, रैत, धर्मशाला एवं नूरपुर  प्रोजेकटों मे सीटू से जुडे तमाम  सर्कलों के आंगनवाडी वर्कर व हेल्पर केंद्रों को बन्द करके पूर्ण हड़ताल करेंगे। यूनियन की जिलाध्यक्ष श्रेष्ठा शर्मा जिला सचिव लज्या ठाकुर, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष  कृष्णा पटियाल, जिला उपाध्यक्ष संजीव ठाकुर, मधु  संगराये, नन्दनी, बीना शर्मा, सुदेश जिला सह सचिव  रंजना, सुनीता देवी, मीना  शर्मा, अंजना देवी, जिला  कमेटी  सदस्य  आरती , विनय  ,राधा  देवी,  मधु ,मीना देवी, संतोष, सोनिया, ज्वाला, कुशुम व राधा देवी आदि  ने केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर आंगनबाड़ी वर्करज़ को प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए नियुक्त करने के आदेश जारी न किये गए तो आंगनबाड़ी कर्मी नौ मार्च को हड़ताल करके सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बन्द कर देंगे व इस दिन हज़ारों आंगनबाड़ी कर्मी बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करेंगे।

उन्होंने केवल आंगनबाड़ी कर्मियों को ही प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए नियुक्त करने की मांग की है क्योंकि छः वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शिक्षा का कार्य पिछले पैंतालीस वर्षों से आंगनबाड़ी कर्मी ही कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेवारी आंगनबाड़ी कर्मियों को देने की घोषणा प्रदेश सरकार बजट सत्र में ही करे अन्यथा हज़ारों कर्मियों द्वारा बजट सत्र में ही सरकार की घेराबंदी की जाएगी। उन्होंने नई शिक्षा नीति को वापिस लेने की मांग की है क्योंकि यह न केवल छात्र विरोधी है अपितु आइसीडीएस विरोधी भी है। नई शिक्षा नीति में  वास्तव में आइसीडीएस के निजीकरण का छिपा हुआ एजेंडा है। इस से भविष्य में आंगनबाड़ी कर्मियों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 के आइसीडीएस बजट में की गई 30 प्रतिशत की कटौती को आंगनबाड़ी कर्मियों के रोज़गार पर बड़ा हमला करार दिया है। उन्होंने वर्ष 2013 में हुए पेंतालिसवें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए तीन हज़ार रुपये  पेंशन, दो लाख रुपये ग्रेच्युटी, मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की मांग की है।

उन्होंने कर्मियों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष करने, नई शिक्षा नीति 2020 को खत्म करने, मिनी आंगनबाड़ी कर्मियों को बराबर वेतन देने की मांग की है। उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया है कि वह आइसीडीएस  के निजीकरण का ख्याली पुलाव बनाना बन्द करे। देश के अंदर चलने वाली सभी योजनाओं से देश की लगभग एक करोड़ महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है। उन्होंने हैरानी जताई है कि रोज़गार में लगी महिलाओं की सबसे ज़्यादा संख्या योजनाकर्मियों के रूप में है व यह सरकार उनका सबसे ज़्यादा आर्थिक शोषण कर रही है। केंद्र सरकार लगातार इन योजनाओं को कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है। इस से केंद्र सरकार की महिला सशक्तिकरण व नारी उत्थान के नारों की पोल खुल रही  है। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्ष 2013 का नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत किये गए कार्य की बकाया राशि का भुगतान तुरन्त करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी वर्करज़ को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। इस संदर्भ में उनकी नियमित नियुक्ति की जाए तथा इसकी एवज़ में उनका  वेतन बढाया जाए। यूनियन  नेताओं  ने  दावा  किया  कि  हड़ताल  वाले  दिन जिला  कांगड़ा    से  1000 से  ज्यादा  आंगनवाड़ी  वर्कर  व  हेल्पर  शिमला  रैली  मे  भाग  लेने  जायेगी I

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