अस्पताल में मच्छर काटने से मौत हादसा नहीं, कोलकाता हाईकोर्ट ने खारिज की बीमा क्लेम याचिका

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आवाज़ ए हिमाचल 

कोलकाता। एक अस्पताल में मच्छर के काटने से होने वाली मौत को भारत में दुर्घटना नहीं कहा जा सकता है। इस तरह से मौत के मामले में दुर्घटना बीमा दावे के लिए पात्रता नहीं होती। यह फैसला कोलकाता हाई कोर्ट ने चित्रा मुखर्जी नामक एक महिला द्वारा दायर मामले में सुनाया है। मामला एक शख्स की मौत से जुड़ा था, जिसके डेंगू से निधन के बाद मां ने क्लेम दायर किया था। हाई कोर्ट ने महिला का दावा याचिका को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि अगर अस्पताल में मच्छर के काटने के बाद अगर किसी को डेंगू होता और उसकी मौत हो जाती है, तो इसे एक दुर्घटना के रूप में नहीं माना जा सकता है।

जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य चित्रा मुखर्जी की दायर अपील पर सुनवाई कर रही थीं। चित्रा मुखर्जी के बेटे चयन सेना के जवान थे। चयन की 2021 में अलीपुर के कमांड अस्पताल में घुटने की सर्जरी हुई थी। अस्पताल में ही उन्हें किडनी की बीमारी सहित जटिलताएं हुईं और बाद में उन्हें अस्पताल में डेंगू भी हो गया। चयन का डेंगू का इलाज चल रहा था, लेकिन आठ दिन बाद उनकी मौत हो गई। अस्पताल ने उनकी मौत के कारण का जो प्रमाणपत्र जारी किया, उसमें डेंगू और किडनी की बीमारी से मौत बताया गया। चित्रा ने बाद में एक दुर्घटना बीमा दायर किया था, लेकिन पिछले साल इसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि मृत्यु का कारण गैर-दुर्घटना थी। बीमा कंपनी की ओर से क्लेम खारिज होने के बाद चित्रा ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कलकत्ता हाई कोर्ट ने चित्रा की याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने फैसला सुनाया कि इसमें बीमा कंपनी ने अगर क्लेम देने से इनकार किया है, तो यह अनुचित या मनमाना नहीं है।

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