बहार से चढ़ाई व उतरी जा रही सवारियां, अंदर किराए पर चल रहे ढाबे वाले घाटे में
आवाज़ ए हिमाचल
यशपाल ठाकुर, परवाणू। हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार पर स्थित परवाणू के लोगों की वर्षों पुरानी मांग के बाद करोड़ों रूपए की लागत से बना बस स्टैंड अधिकतर सवारियों के लिए नाकाम साबित हो रहा है। प्रशासनिक अव्यवस्था के चलते यहां जो सिस्टम बनना चाहिए था वो वर्षों से नहीं बन पा रहा है।
आलम यह है की कई लॉन्ग रूट की बसें बस स्टैंड के अंदर आने के बजाय बाहर ही सवारियों को चढ़ा व उतार रही हैं । ऐसे में बस स्टैंड महज एक शो पीस बनकर रह गया है। परवाणू बस स्टैंड बन जाने के बाद भी लगभग सभी लॉन्ग रुट की बसें बस स्टैंड के बाहर से ही चली जाती है, जिन यात्रियों को पता नहीं होता वो बस स्टैंड के अंदर ही बस का इंतज़ार करते रह जाते हैं। इस पर सरकार व परिवहन विभाग को भी कई बार अवगत करवा दिया गया था परन्तु आज दिन तक न तो पिछली प्रदेश सरकारों नें इसका सख्ती से संज्ञान लिया ना ही विभाग की और से कोई कड़े कदम उठाए गए।
इस पर एक बात सामने निकल कर आती है कि बस स्टेंड के अंदर आने और निकलने का केवल एक ही ट्रेक है और बसों को बस स्टेंड के अंदर मुड़ने का भी पर्याप्त स्पेस नहीं मिल पाता। यदि ऐसा था तो जब बस स्टेंड बनाया जा रहा था तब विभाग और उस सरकार कहां सोई हुई थी क्या उन्हें उस समय यह परेशानी आने का जरा सा भी आभास नहीं हुआ। परवाणु बस स्टेंड को बनानें को लेकर कई तरह की अनियमितताएं नज़र अंदाज़ की गई है यह महज़ इत्तेफ़ाक है या कोई घोटाला इसलिए एक जांच कमेटी का गठन होना चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
गौरतलब है कि परवाणू में बस स्टैंड बनाने की मांग लंबे अरसे से चली आ रही थी जिसके बाद सरकार द्वारा यहां बस स्टैंड का निर्माण करवाया गया था, लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी यह बस स्टैंड लोगो की जरुरतो पर पूरी तरह खरा नहीं उतर रहा। प्रशासनिक अव्यवस्था के चलते यहाँ लॉन्ग रूट की बसों के ड्राईवर व कंडक्टर अपनी मनमर्जी पर उतारू है। वे बस स्टैंड के अन्दर आने के बजाय बाहर से ही सवारियों को चढ़ा व उतार रहे है, जिसके चलते सवारियों को भी बाहर खड़े होकर अपनी बसों का इन्तजार करना पड़ रहा है और कुछ तो बस अड्डे के अंदर इंतज़ार करती रह जाती हैं और बसें बाहर से निकल जाती हैं । वहीं परवाणु डिपो की बसें तो फिर भी बस स्टेंड के अंदर से चलती और खड़ती है परन्तु जो अन्य डिपुओं की लॉन्ग रूट बसें है वो नियमों का उल्लंघन कर बाहर बाहर से चली जाती है।
उधर, परवाणू बस स्टैंड में स्थित ढाबा मालिक हिमांशु अरोड़ा व प्रमोद शर्मा ने कहा की इस बस स्टैंड पर कोई भी बस, चाहे वह लॉन्ग रुट हो या प्राइवेट, बस स्टैंड के अंदर नहीं आती और बाहर से ही निकल जाती है। जिस कारण यहाँ स्थित ढाबा मालिकों व अन्य दुकानदारों को बहुत नुक्सान झेलना पड़ रहा है। लॉन्ग रूट के बस चालको व परिचालको की इस मनमानी को लेकर न तो परिवहन विभाग कुछ कर रहा है और न ही स्थानीय प्रशासन।हिमांशु अरोड़ा नें कहा इसकी शिकायत हम डी एम को भी कर चुके है।
वहीं, परवाणू बस अड्डा इंचार्ज देवी दत्त ने बताया की लोकल परवाणू डिपो की बसें तो अड्डे में आती हैं, परन्तु लॉन्ग रूट की बसे समय कम होने और बस अड्डे के अंदर मुड़ने की वजह बता कर बस स्टैंड के बाहर से ही निकल जाती है। इसका मुख्य कारण बस अड्डे से इन व आउट का पर्याप्त गेट न होना भी एक वजह है। जिस कारण बड़ी बसों को मुड़ने भारी परेशानी होती है।
क्या बोले अधिकारी
उधर, परवाणु बस स्टेंड की स्थिति को लेकर हिमाचल पथ परिवहन निगम के मैंनेजिंग डायरेक्टर रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि इस मामले की उनके पास अभी तक कोई शिकायत या जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पूरे विषय पर में स्वयं पूरा संज्ञान लूंगा और जो भी आवश्यक कार्यवाही होगी वह हर सूरत में की जाएगा।