आवाज़ ए हिमाचल
ऊना, 21 फरवरी। घर बनाना अब और महंगा होने वाला है। आम आदमी अभी सीमेंट, सरिये की बढ़ी कीमतों के झटके से उबर नहीं पाया था कि अब ईंटों के दामों में भी आग लगने वाली है। बताया जा रहा है कि 15 दिन बाद प्रति हजार ईंट की कीमत 1500 से 2000 रुपये तक बढ़ जाएगी। इस समय ईंट 6500 रुपये प्रति हजार के हिसाब से मिल रही है। आने वाले दिनों में आठ से नौ हजार के बीच बिकेगी। ईंट की कीमत में अचानक होने जा रही बढ़ोतरी लोगों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रही है।
कोयले की बढ़ी कीमतों से खामियाजा ईंट-भट्ठा मालिकों के साथ-साथ आम लोगों को भी भुगतना पड़ेगा। ईंट-भट्ठा मालिकों ने मांग की है कि सरकार विदेश से आयात होने वाले कोयले का दाम कम करने के लिए कदम उठाए।
दरअसल, ईंट के दाम बढ़ने का मुख्य कारण इसके निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कोयले के दाम बढ़ना माना जा रहा है। अधिकतर भट्ठा मालिक ईंट को पकाने के लिए अमेरिका से आयात किए जाने वाले कोयले का ही इस्तेमाल करते हैं।
दो महीने पहले कोयले की कीमत 15 हजार रुपये प्रति टन थी। अब यह 25 हजार रुपये प्रति टन पड़ रहा है। अमेरिका से आ रहे इस कोयले की गुणवत्ता भारत में मिलने वाले कोयले से बेहतर बताई जाती है।
आने वाले 15 दिन में अमेरिका से बढ़ी कीमतों के साथ कोयले की नई खेप भट्ठों में पहुंच जाएगी। यह खेप पहले गुजरात पहुंचेगी। उसके बाद क्षेत्र के ईंट भट्ठों को सप्लाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि ईंट भट्ठों पर साल में दो सीजन में काम चलता है। एक सीजन में अच्छी गुणवत्ता वाले कोयले की 500 से 600 टन के बीच खपत होती है।