अमृतसर में जी20 शिखर सम्मेलन के पैनलिस्ट परामर्श में शामिल’ हुई पठानकोट की डॉ.अनुपम खजूरिया

Spread the love

आवाज ए हिमाचल

सुशांत वर्मा, पठानकोट। युनाइटेड नेशंस सेंटर फॉर रीजनल डेवलपमेंट का प्रतिनिधित्व करने वाली पठानकोट के रहने वाली डॉ.अनुपम खजूरिया ने कहा कि भविष्य के काम और उद्योग 4.0 के विजन को ऊपर उठाने के लिए सर्कुलर इकॉनमी का दृष्टिकोण बहुत मददगार हो सकता है। मीटिंग थीम फ्यूचर ऑफ वर्क इंडस्ट्री 4.0, इनोवेशन एंड 21वीं सदीं गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर में आयोजित हुई। डॉ.खजुरिया गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रा हैं और उन्होंने पी.एच.डी जापान में सर्कुलर अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों के उपयोग की वकालत की, जो नए नवाचार ला सकता है जो भविष्य के उद्योगों के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है, जोकि सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा के अनुसार थे।

उन्होंने बताया कि सर्कुलर इकोनॉमी जो संसाधनों का अधिकतम लाभ निकालने के लिए एक सर्कुलर तरीके से कचरे के पुन: उपयोग का सुझाव देती है, न केवल अपशिष्ट पदार्थों के सर्कुलर उपयोग के बारे में है, बल्कि ऊर्जा के सर्कुलर उपयोग के बारे में भी है। उसने जापान में टोयोटा ऑटोमोबाइल उद्योग का उदाहरण दिया, जहां उन्होंने गैस बचाने और उत्सर्जन को कम करने में मदद करने के लिए हाइब्रिड कारों का आविष्कार किया। हाइब्रिड कारें चलते समय गैस और इलेक्ट्रिक मोटर्स के बीच स्विच करती हैं। जब यह गैस पर चलता है तो व्यर्थ ऊर्जा को एक तरह से परिचालित किया जाता है, जो बैटरी में कुशलता से संग्रहीत होती है, जो गैस का उपयोग नहीं होने पर कार को बिजली से चलाती है। यह कुल माइलेज को 3 गुना बढ़ा देता है।

आजकल कई अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियों ने इस तकनीक को अपनाया है, जो चक्रीय अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों पर ऊर्जा का उपयोग करने का एक और बढिय़ा उदाहरण है। यहां फिर से जो ऊर्जा बर्बाद हो सकती थी, उसे सिस्टम में वापिस परिचालित करके उपयोग किया गया। बेशक समाधान प्रत्येक उद्योग के लिए अद्वितीय होगा, जैसा कि ऊपर दिए गए उदाहरणों में दिया है, इसलिए कुछ केंद्रित शोध आवश्यक होंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र को सामग्री के उपयोग और इसकी जिम्मेदार खपत में जिम्मेदार विकल्प और व्यवहार अपनाकर परिपत्र अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों में योगदान देना चाहिए, जहां निर्माण और विध्वंस कचरे को विशेष रूप से पुन: उपयोग, रीसायकल और पुनर्प्राप्त करने के तरीकों में वापिस परिचालित किया जाता है। निर्मित पर्यावरण को ऐसी पद्धतियों और प्रक्रियाओं को अपनाना चाहिए, जो विशेष रूप से हरित प्रौद्योगिकियों और सामग्रियों को अपनाने के माध्यम से जलवायु परिवर्तन शमन रणनीतियों में योगदान दें।

उन्होंने कहा कि सर्कुलर अर्थव्यवस्था लागत बचत, रोजगार सृजन, नवाचार, उत्पादकता और संसाधन दक्षता जैसे विभिन्न उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण लाभ ला सकती है और यह सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा के सभी लक्ष्यों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त करने में मदद करती है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *