आवाज़ ए हिमाचल
08 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के कोर्ट से भी प्रदेश में चल रहे तीन निजी विश्वविद्यालयों को राहत नहीं मिली है। आयोग ने तीनों विश्वविद्यालयों को 30 अप्रैल तक दो-दो लाख रुपये का जुर्माना जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। तीनों निजी विश्वविद्यालयों पर आरोप है कि इन्होंने शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन में कटौती और छात्रों को सिक्योरिटी फीस वापस नहीं की थी।
परीक्षा पैट्रन की होगी जांच
बुधवार को सुनवाई के दौरान नियामक आयोग ने सभी निजी विश्वविद्यालयों के परीक्षा पैट्रन की जांच करवाने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए कमेटी गठित की जाएगी। यह कमेटी देखेगी कि विश्वविद्यालय किस तरह परीक्षाएं करवाते हैं। परीक्षा के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम क्या है, प्रश्न पत्र किस तरह से सैट किए जा रहे हैं। परीक्षा पर नियंत्रण और सुरक्षा का प्रबंध क्या है। यूजीसी की गाइडलाइन क्या कहती है। निजी विश्वविद्यालय के सिस्टम में कोई खामी तो नहीं है। कमेटी इसकी जांच कर अगला निर्णय लेगी।
डिग्रियों को इंडोर्स करने की मंजूरी
निजी विश्वविद्यालयों की डिग्रियों को इंडोर्स करने की मंजूरी दे दी है। विश्वविद्यालय दीक्षा समारोह से पहले आयोग को डिग्रियों का रिकॉर्ड भेजेंगे। आयोग अपने दाखिले के रिकार्ड से इसे चेक करेगा कि जिन्हें डिग्रियां दी जा रही हैं वे सही हैं या नहीं। डिग्रियों के सत्यापन का कार्य शिक्षा विभाग करेगा।
आयोग के अध्यक्ष का कहना
हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक का कहना है नियामक आयोग ने तीन विश्वविद्यालयों को 30 अप्रैल तक जुर्माना राशि जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। इस मामले की सुनवाई अभी जारी है।