आवाज़-ए-हिमाचल
25 अक्टूबर : केंद्र सरकार ने उद्योगों को ब्लैक में खाद बेचने वाले किसानों पर नकेल कस दी है। किसानों को वैज्ञानिक सलाह से ही खाद का इस्तेमाल करने की सिफारिश की है। रबी सीजन से प्रति किसान सिर्फ तीस क्विंटल खाद ही मिलेगी। केंद्र सरकार ने हिमाचल सहित देश के अन्य राज्यों के किसानों पर सख्ती कर दी है। किसानों की जरूरत को देखते हुए की खाद खासकर यूरिया की आपूर्ति की जाएगी, जिससे खाद का दुरुपयोग होने से रोका जा सके। प्रदेश के किसानों को सीजन में अधिकतम तीस क्विंटल खाद उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रदेश में करीब दस फीसदी बड़े किसान हैं और इनके पास खेती के लिए जमीन के बड़े रकबे हैं।
राज्य में शेष नब्बे फीसदी मध्यम और लघु किसान हैं। बताते हैं कि कई किसान अधिक खाद खरीद लेते हैं और फिर उद्योगों को बेचकर काली कमाई करते रहे हैं। यह चलन दूसरे राज्यों में काफी ज्यादा है। इस कारण से केंद्र सरकार ने सभी राज्यों पर नकले कसते हुए खाद की खरीद सीमा बांध दी है। राज्य के कृषि निदेशक नरेश कुमार बधान कहते हैं कि इस रबी सीजन से किसानों को अधिकतम तीस क्विंटल खाद ही दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को सुझाव दिया गया है कि वह खेतों की मिट्टी जांच के आधार पर ही खाद का इस्तेमाल करें। वैसे सिंचाई वाली दो बीघा जमीन में सिर्फ तीस किलो खाद ही डालने की सलाह दी जाती है। अगर किसान खेतों में ज्यादा खाद डालने हैं तो खेतों में फसलें जल जाती हैं और फसल की पैदावार कम रहती है।