आवाज ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल में सरकार के बाद अब मेडिकल एजुकेशन के सेक्टर में भी बड़ा व्यवस्था परिवर्तन हुआ है। राज्य सरकार ने मेडिकल कालेज प्रिंसीपल के लिए अब टीचिंग और रिसर्च का ही काम रखा है, जबकि सभी तरह के प्रशासनिक और फायनांस मसले मेडिकल कालेजों में नियुक्त एचएएस अधिकारी को दे दिए गए हैं। ये संयुक्त या अतिरिक्त निदेशक के पदों पर नियुक्त होते हैं। इसी तरह मेडिकल कालेजों में बाकी पदों और निदेशक चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में भी कार्य का विभाजन नए सिरे से हुआ है। यह पहली बार है कि इस दिशा में किसी सरकार ने वर्क डिस्ट्रीब्यूशन पर ध्यान दिया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बुधवार को इस बारे में स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी ने दो अधिसूचनाएं जारी की हैं। एक अधिसूचना राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कालेजों और अटल इंस्टिच्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशयलिटी चमियाना को लेकर है। इसमें कहा गया है कि मेडिकल कालेजों के प्रिंसिपल अब टीचिंग और रिसर्च का कोआर्डिनेशन सभी तरह के एकेडमिक और रिसर्च के मामले देखेंगे।
जूनियर रेजिडेंट की नियुक्ति से लेकर इन्क्वायरी और डिसिप्लिन प्रोसीडिंग भी प्रिंसीपल देखेंगे। सभी तरह की छुट्टियां, काउंसिलिंग, अकैडमिक कोर्स, रोगी कल्याण समिति की मैनेजमेंट, विधानसभा से संबंधित मामले, ओपीडी की व्यवस्था जैसे मामले प्रिंसीपल को दिए गए हैं। एक बड़े बदलाव के तहत सभी तरह की वित्तीय शक्तियां अब ज्वाइंट या एडिशनल डायरेक्टर के पास होंगी।
½