आवाज़ ए हिमाचल
शाहपुर। डाक्टर संजीव गुलेरिया प्रदेश अध्यक्ष न्यू पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश और हिमाचल रीजनल एलांएस के प्रदेश महामंत्री ने जयराम सरकार को अपने छप्पन माह के शासनकाल में एक भी सही निर्णय व अपने लिए निर्णय पर, अडिग न रहने का आरोप लगाया।
आज यहां प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार आज दिन तक आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना पाई है। आउटसोर्सिंग कर्मचारी वर्ग निराशा और डर के साए में नौकरी करने के लिए मजबूर हैं, नौकरी पर हर पल संकट के बादल छाए हुए हैं। करुणामूलक नौकरी के लिए दर-दर भटकते लाचार गरीब बच्चे जिनके सिर से मां-बाप का साया उठ गया है वो किन दुखदाई पीड़ादायक परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं, यह उनका शोषण नहीं तो और क्या है?
मंत्रीमंडल बैठक पहले 20 जुलाई फिर 27 जुलाई, फिर 23 जुलाई और अब 28 जुलाई को हुई, लेकिन इनके हक़ में जयराम सरकार एक भी निर्णय नहीं ले पा रही है ।
डाक्टर संजीव ने कहा कि मुख्यसचिव की अध्यक्षता में हुई हाई पावर मीटिंग में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी विकल्पों पर विचार तभी होगा जब न्यु पेंशन स्कीम में कार्यरत कर्मचारी अधिकारी वर्ग को इस हाई पावर कमेटी में शामिल किया जाएं और उनकी भी सुनी जाएं।
गुलेरिया ने कहा कि जयराम सरकार अब हाई पावर मीटिंग नहीं, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की कारवाई करे, नहीं तो न्यु पेंशन स्कीम में कार्यरत कर्मचारी अधिकारी महासंघ के आह्वान पर शिमला में विधानसभा घेराव के लिए न्यु पेंशन स्कीम में रिटायर्ड कर्मचारी-अधिकारी वर्ग भी शामिल होकर सरकार पर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने के लिए सरकार को मजबूर कर देंगे। अगर सरकार ने संविधान में वर्णित पुरानी पेंशन बहाल न की तो अक्तूबर दिसंबर माह में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा का सुपड़ा साफ करने में कर्मचारी अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
संजीव ने कहा कि अगर एक दिन के लिए विधायक सांसद बनने पर इनको पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू है, तो कर्मचारी/अधिकारी को भी चाहे उसका सरकारी सेवा में कार्यकाल एक वर्ष हो, तीन साल हो या पांच साल ही क्यों न हो, उन एन.पी.एस. में कार्यरत रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी वर्ग को भी सरकार पुरानी पेंशन का प्रावधान करे।