अनधिकृत निर्माण के नियमितीकरण पर मुख्य सचिव समेत अफसरों को हाईकोर्ट का नोटिस

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आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला, 13 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के अनाधिकृत निर्माण के नियमितीकरण के मामले में मुख्य सचिव, अपर सचिव नगर एवं ग्राम नियोजन निदेशक, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग और नगर योजनाकार को नोटिस जारी किया है।

न्यायमूर्ति सबीना और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने हितांशु जिष्टु की दायर याचिका पर ये आदेश पारित किए हैं।

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों या उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की अध्यक्षता में न्यायालय निगरानी समिति से जांच कराने की प्रार्थना की है। उन अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके, जिनके कार्यकाल में राज्य में अनधिकृत निर्माण हुआ है। इस मामले की सुनवाई 9 मई, 2022 के लिए तय की है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि आवास और वाणिज्यिक परिसरों के अनिश्चित, तर्कहीन और अनियंत्रित निर्माण के कारण पूरा हिमाचल प्रदेश खतरे में है।

लापरवाह निर्माण, मलबे को गलत तरीके से ठिकाने लगाने से क्षेत्र की पर्यावरण योजनाओं को बिगाड़ दिया है। हजारों अनधिकृत निर्माण रातों रात नहीं किए हैं और सरकारी तंत्र अनधिकृत निर्माण के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा है। उत्तरदाताओं ने फिर से टाउन एंड कंट्री प्लानिंग रूल्स को अधिसूचित और संशोधित किया है, जो हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय और समय-समय पर देश के सर्वोच्च न्यायालय के दिए गए निर्णयों को वस्तुत: रद कर देता है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि प्रतिवादी राज्य शिमला योजना क्षेत्र के साथ-साथ राज्य के अन्य योजना क्षेत्रों के लिए विकास योजना को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है।

शिमला की ऐसी मसौदा विकास योजना को अधिसूचना 8 फरवरी, 2022 को पहले ही अधिसूचित किया जा चुका है। उत्तरदाताओं ने अधिसूचित मसौदा विकास योजना भी राष्ट्रीय हरित अधिकरण की जारी टिप्पणियों और निर्देशों के विपरीत है। याचिकाकर्ता ने हिमाचल प्रदेश टाउन एंड कंट्री प्लानिंग रूल्स 2014 -2019 तक संशोधित नियम 35 और साथ ही हिमाचल प्रदेश टाउन एंड कंट्री प्लानिंग रूल्स 2019 चौथे संशोधन को रद करने और पूरी तरह से असंवैधानिक होने की बात कही है है। याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों को निर्देश देने की भी प्रार्थना की है कि वे किसी भी अनधिकृत संरचना, भवन, विकास को नियमित या छूट न दें, जिसके लिए प्रतिवादियों को हिमाचल प्रदेश टाउन एंड कंट्री के संदर्भ में आवेदन प्राप्त हुए हैं।

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