गुफ़ा की छत में नाग स्वरूप बनी कन्दराओं से कभी बहती थी दूध की धाराएं, जन्माष्टमी पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु लेते हैं भोले का आशीर्वाद
आवाज़ ए हिमाचल
स्वर्ण राणा, नूरपुर। नूरपुर विधानसभा की सुलयाली पंचायत में स्थित डिबकेश्वर महादेव में मन्दिर में दो दिनों से भक्तों का तांता लगा हुआ। हजारों की संख्या में आज श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में माथा टेककर लंगर का प्रसाद ग्रहण किया।
मान्यता के अनुसार यह डिब्केशबर महादेव शिव मन्दिर हजारों साल पुराना है यहां शिव भोलेनाथ एक गुफा में विराजमान हैं।पौराणिक कथाओं के अनुसार आदिकाल सतयुग में यहां इस गुफा में दूध और पानी की धाराएं बहती थी जिससे इस स्थान पर पिंडिया बन गई जो शिवलिंग का रूप में बन गई।माना जाता है यहां से एक ऐसी गुफा है जो सतयुग में हरिद्वार निकलती थी। यहां पर कई ऐसे महात्माओं सन्तों की समाधियां भी है, जिन्होंने इस शिव मन्दिर में पूजा अर्चना कर स्वर्गधाम गमन किया। तब से ही यहां स्थानीय लोग इस शिव मन्दिर में भोलेनाथ की पूजा करते आ रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने मिलकर शिवरात्रि के दिन यज्ञ व भंडारा करवाना शुरू किया गया।माना जाता है इस शिव मन्दिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से सेवा करता है भोलेनाथ उसकी हर मनोकामना पूरी करते है।डिबकेश्वर मन्दिर के प्रति यही आस्था श्रद्धालुओं में विश्वास पैदा करती है जो सदियों से चली आ रही है। शिवरात्रि के अवसर पर यहां पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली से शिव भोलेनाथ के भक्त पूजा अर्चना व आशीर्वाद पाने पहुंच रहे हैं। सुबह तीन बजे से भक्त यहां पूजा अर्चना करने पहुंच जाते है और यही सिलसिला दो दिन तक चलता है।