अछरलता की “सीखने-सिखाने के मूल मन्त्र” पुस्तक का विमोचन

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 प्री प्राइमरी व प्राइमरी कक्षाओ के छात्रों के लिए बनी है पुस्तक

आवाज़ ए हिमाचल

अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। प्री प्राइमरी तथा प्राइमरी कक्षाओ के छात्रों की मूल अवधारणा को दूर करने के उद्देश्य से शिक्षिका अछरलता ने “सीखने-सिखाने के मूल मन्त्र” किताब को लिखा है, जिसका बुधवार को एक सादे समारोह में प्रारम्भिक शिक्षा उपनिदेशक कुलभूषण राकेश ने विमोचन किया।

अछरलता ने बताया कि इस पुस्तक को विशेष टूर पर छोटे बच्चों के लिए बनाया गया है, जिसमें नर्सरी से पांचवी कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने तथा समझाने के तरीके बताए गए हैं। यह पुस्तक एनसीआरटी, सीबीएसई, आईसीएसई इत्यादि सभी तरह के पैट्रन के लिए बनाया गया है। इस पुस्तक में इंग्लिश, हिंदी तथा मैथ तीनों विषयों को कवर किया गया है। इस पुस्तक में इंग्लिश हिंदी के शब्द तथा मात्राएँ बड़े शब्दों को तोड़कर लिखना आदि सरल तरीके से बताया गया है।

अछरलता ने बताया कि इस पुस्तक में उन्होंने एक गेम भी बनाई है, जिसको उन्होंने खुद तैयार किया है। यह गेम लूडो की तरह है जिसका नाम नवाचार है।  इस गेम में खेल-खेल में जमा-घटाना सिखाया गया है, जिससे बच्चों को जमा-घटाना आसानी से खेल-खेल में समझ आ जाएगा।

अछरलता राजकीय केंद्र पाठशाला कोटला में शिक्षिका के पद पर तैनात हैं और कोरोना काल में उन्होंने बहुत अच्छे तरीके से बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी है, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने उन्हें स्टेट ट्रेनर के रूप में चुना और उन्होंने पुरे प्रदेश के शिक्षकों को ऑनलाइन तरीके से पढ़ाने के तरीके बताए। इस पुस्तक को चेतना प्रिंटिंग प्रैस बिलासपुर ने प्रकशित किया गया है। इस पुस्तक में कुल 54 पेज है और इसका मूल्य 150 रुपए रखा गया है।

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