आवाज ए हिमाचल
14 अप्रैल। भारत के सबसे वांछित भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के छोटे भाई अनीस इब्राहिम पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर है। अनीस वर्जित नशीली दवाओं की तस्करी और उसके उत्पादन में संलिप्त है। अनीस इब्राहिम के करीबी साथी कैलाश राजपूत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में बसा एक कुख्यात ड्रग ऑपरेटर है। कैलाश राजपूत पहले ही भारत से ड्रग की तस्करी करने के आरोप में मुंबई पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के रडार पर है। एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि इस साल की शुरुआत में महाराष्ट्र के रायगढ़ से अनीस इब्राहिम के करीबी आरिफ भुजवाला की गिरफ्तारी से अनीस के दक्षिण मुंबई के एक ड्रग सिंडीकेट से जुड़े होने का पता लगा है। आरिफ भुजवाला से पूछताछ में पता चला है कि वह अनीस का फाइनेंसर है। इस जांच से जुड़े एक अधिकारी ने खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के हवाले से बताया कि कैलाश राजपूत की दुबई में लोकेशन को पहचान लिया गया है। वह यूरोप में डी कंपनी का ड्रग ऑपरेशन देखता है। एनसीबी भारत में लगातार डी-कंपनी के ड्रग ऑपरेटरों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है एनसीबी को बड़ी कामयाबी उस समय हासिल हुई, जब दक्षिण मुंबई में नशीली दवाओं की एक फैक्ट्री पकड़ी गई।
बताया जाता है कि यह फैक्ट्री जनवरी के तीसरे हफ्ते से दाऊद का साथी चिंकू पठान चला रहा है। पठान से पूछताछ के बाद अफसरों ने ड्रग ऑपरेटर आरिफ भुजवाला को गिरफ्तार किया, जिसके संबंध अनीस इब्राहिम से हैं। भुजवाला ने पूछताछ में बताया कि वह दुबई जा चुका है, जहां वह अनीस इब्राहिम के फाइनेंसर कैलाश राजपूत से मिला था। मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) के मुताबिक कैलाश राजपूत का मेक्सिको के कारटेल से संबंध है। राजपूत 2014 में दुबई भागा था। वह भारत से फेनेथील-4पाइपरीडो, फेनेथील जैसी नशीली दवाइयों के बड़े कंसाइनमेंट भेजता है। बताया जाता है कि 2019 में एक चावल निर्यातक से एएनसी ने पूछताछ की थी। 2018 में दुबई में छुट्टी मनाने के दौरान उसे कैलाश राजपूत से मिलवाया गया था। तब राजपूत ने मुंबई से ड्रग्स ले जा रहे एक बड़े जहाज को चुराने की कोशिश की थी।अनीस इब्राहिम फिलहाल कराची में है। वह डी कंपनी के वित्तीय मामले देखता है। वह ड्रग से जुड़े धंधे भी संभालता है। सूत्रों का कहना है कि अनीस इब्राहिम का गिरोह जर्मनी, नीदरलैंड और ब्रिटेन में भी सक्रिय है। इससे पहले दाऊद के ड्रग्स के धंधे को यूरोप में इकबाल मिर्ची संभालता था।