आवाज़ ए हिमाचल
09 फरवरी।अरुणाचल प्रदेश हिमस्खलन में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के सेऊ गांव के 22 वर्षीय 19 जैक राइफलमैन अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह गुरुवार को घुमारवीं पहुंचेगी। यहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बुधवार 11 बजे तक माता-पिता और परिजन अंकेश की सलामती की दुआएं करते रहे,लेकिन उनकी दुआएं किसी काम के न सकी तथा सेना की तरफ से फोन के माध्यम से पिता पांचा राम को अंकेश के शहीद होने की खबर मिली।जवान बेटे की शहादत की खबर मिलते ही पूरा माहौल गमगीन हो गया। बेटे की शहादत की खबर सुनकर पिता पांचा राम और माता कश्मीरी देवी सदमे में चले गए। छह जनवरी को अंकेश की बर्फीले तूफान में लापता होने की खबर मिलने के बाद से ही क्षेत्र के लोग उनके घर पर माता-पिता को सहारा देने पहुंच रहे थे।
मंगलवार रात को शहादत की खबर मिलने के बाद से सैकड़ों लोग अंकेश के घर पहुंचे और उनके माता पिता को ढांढस बंधाया। बुधवार सुबह तक अंकेश के पिता इस सच को मानने के लिए तैयार नहीं थे कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। वे कह रहे थे कि उनका बेटा कोमा में है।
वहीं, अंकेश की शहादत की खबर मिलते ही समूचे क्षेत्र के लोग शहीद के घर पहुंचे। शहीद सैनिक की 92 वर्षीय दादी को सुनाई नहीं देता है। दोपहर तक उन्हें अंकेश की शहादत की जानकारी नहीं दी गई थी, लेकिन उसके बाद जब उन्हें बताया गया तो उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।छोटा भाई आकाश अब भी बड़े भाई के यूं चले जाने पर विश्वास नहीं कर पा रहा।
बेटे की शहादत की खबर मिलने के बाद से ही अंकेश की मां कश्मीरी देवी बेटे की तस्वीर को हाथ में लेकर कभी उसे चूमती तो कभी सीने से लगाती। वह लगातार बेटे की तस्वीर पर नजरें बनाकर बैठी रहीं। आंसुओं के सैलाब में बेटे से बिछुड़ने का दुख बयान नहीं किया जा रहा। गांव की महिलाएं शहीद की मां को ढांढस बंधाती रहीं, लेकिन मां की जुबां पर अपने लाल के किस्सों, कहानियों के सिवा कुछ और नहीं था। एसडीएम घुमारवीं राजीव ठाकुर ने बताया कि शहीद अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह गुरुवार को घुमारवीं पहुंचेगी।